फरीदाबाद के नालों पर किये जा रहे हैं करोड़ों खर्च, फिर भी बारिश में डूब रहा है पूरा शहर

फरीदाबाद में साफ सफाई पर करोड़ों रुपये के खर्चे कर दिये जाते हैं, इसके अलावा मानसून के आने से पहले ही नालों और नलियों को साफ कर दिया जाता है जिससे पानी जमा ना हो। आपको बता दें नगर निगम नाले की सफाई में करोड़ों रुपये खर्च कर देती है

लेकिन बारिश के आते ही सारे नाले भर जाते हैं और सारा पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। और यह हाल कुछ जगहों पर नही बल्कि फरीदाबाद के कई स्थानों पर है।


इस जलभराव का मुख्य कारण यहाँ के लोग हैं क्योंकि लोगों द्वारा नालों के ऊपर ही अतिक्रमण कर लिया जाता है। नगर निगम के इंजीनियरिंग विभाग ने एक सर्वे किया जिसके मुताबिक पुराने NIT क्षेत्रों में करीब 50 फीसदी नाले-नालियों पर लोगों ने कब्जे करके उन्हें ढक लिया है, जिससे उनका सारा गंदा पानी सीवर लाइन में जाता है।

कई बड़े नालों पर दुकानें बना दी गई हैं। यही वजह है कि जब भी बारिश होती है तो पूरा दिन जलभराव रहता है। कई बार तो दो से तीन दिन तक भी पानी नहीं निकल पाता। नगर निगम आयुक्त अतिक्रमण हटाकर उन्हें साफ करने के आदेश तो देते हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होती है।



बीके से नीलम चौक नाला अब अपना अस्तित्व खो चुका है। नाले पर पेट्रोल पंप तक चल रहा है। फिर भी जितना है चार-पांच साल में इस नाले की सफाई का प्रयास निगम करता है। कई जगह से नाले को पाटकर अवैध पार्किंग बना दी गई हैं। कब्जे को लेकर में कई बार लोगों ने विरोध किया, लेकिन कब्जाधारी रसूखदार हैं। इसलिए नाला साफ करने की कोई ठेकेदार या अधिकारी हिम्मत नहीं जुटा पाता है।

बीके चौक से हार्डवेयर चौक नाला: इस नाले का पता बीके चौक के आसपास ही पता चलता है, बाकी जगहों पर शोरूम संचालकों ने इसे पाटकर पार्किंग बना रखी है। बस अड्डे के सामने नाले का कुछ अता-पता नहीं है।

तिकोना पार्क पर फिर दिखाई देता है। उसके बाद फिर गायब हो जाता है और फिर अंत में हार्डवेयर चौक के पास यह कुछ दूरी तक दिखाई देता है। इसके अलावा बाटा चौक से नीलम चौक नाले पर हर जगह दुकानें बनी हैं। मिस्त्री नाला पाटकर स्कूल मोटर साइकिलों की मरम्मत करते हैं। नाला गंदगी से अटा पड़ा है, लेकिन सफाई नहीं की जाती है। यह नाला भी कई जगहों पर पाट दिया गया है। बाटा चौक पर दो नाले हैं और दोनों को पाट दिया गया है। जहां कहीं यह नाला दिखाई देता है, वहां इसमें कूड़ा सड़ रहा है।



इसी तरह शहर के तमाम जगहों पर नाले के ऊपर इस तरीके से कब्जा कर लिया जाता है और अपना कार्य किया जाता है। प्रशासन द्वारा भी यह दावा किया जाता है की नालों की सफाई लगातार की जा रही है और मानसून के आ जाने से पहले ही नालों पर से अतिक्रमण हटा दिया जायेगा।

Avinash Kumar Singh

A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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