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आखिर कैसे बेरोजगारी के मामले में हरियाणा हुआ नंबर 1 पे , यहाँ जानिए वजह

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हरियाणा में बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है. सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में राज्य की बेरोजगारी दर 37.3% है, जो राष्ट्रीय औसत (8.3%) से लगभग चार गुना है. हरियाणा के बाद जम्मू कश्मीर दूसरे नंबर पर है.

स्वतंत्र आर्थिक थिंक टैंक द्वारा जारी मासिक आंकड़ों से पता चलता है कि हरियाणा ने देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर दर्ज की है. सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त महीने में भारत में रोजगार के मामले में तेजी से गिरावट आई, जिसमें बेरोजगारी दर एक साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई. बता दें कि अगस्त में हरियाणा में बेरोजगारी की दर अप्रैल 2020 के बाद सबसे अधिक है, उस वक्त देशव्यापी तालाबंदी ने कई उद्योगों के पहियों को बंद होने के पड़ाव पर ला दिया था. सीएमआईई के अनुसार, अप्रैल 2020 में राज्य में बेरोजगारी दर 43.2% थी.

सीएमआईई की मई-अगस्त 2022 की बेरोजगारी रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा के शहरी केंद्रों में औसत बेरोजगारी दर 28.3% दर्ज की गई है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह 26.1% दर्ज की गई थी. पिछले दो महीने कृषि के लिए निराशाजनक रहे हैं. नतीजतन अगस्त में अधिक लोगों को नौकरियों की तलाश में शहरों में जाते देखा गया. अब शहरों में नौकरियां नहीं हैं क्योंकि उद्योग बढ़ती मुद्रास्फीति के कारण साथ संघर्ष कर रहे हैं.

हरियाणा कैसे हुआ बेरोजगारी में नंबर 1


सेंटर फॉर रिसर्च इन रूरल एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट में प्रोफेसर अश्विनी कुमार नंदा ने बताया कि बड़े पैमाने पर पड़ोसी राज्यों के बोझ के कारण राज्य बेरोजगारी में शीर्ष पर बना हुआ है. नंदा ने कहा, “हरियाणा में बेरोजगारी के आंकड़े हमेशा उच्च स्तर पर होते हैं क्योंकि यह उत्तर भारत के लोगों के लिए नौकरी का चुंबक है. बड़े पैमाने पर नौकरी करने वाले हरियाणा में आते हैं. जिस कारण अन्य राज्यों का बोझ हरियाणा के आंकड़ों पर असर डालता है.”

रोजगार उपलब्ध कराने में असमर्थ दिख रहे आयोग


पेपर लीक, सॉल्वर गैंग और अन्य बाधाओं के कारण, दोनों आयोग रोजगार देने में असमर्थ प्रतीत होते हैं. छह साल में अलग-अलग कैटेगरी के दस हजार पदों पर निकाली गई कई भर्तियों की परीक्षाएं नहीं हो सकीं और कई में नियुक्तियां अटकी रहीं. तमाम कोशिशों के बाद भी आयोग न तो गड़बड़ी को रोक पा रहा है और न ही कोई फुलप्रूफ प्लान तैयार कर पा रहा है. लिखित परीक्षा कराने में ही उन्हें पसीना आ रहा है. जिस वजह से भर्ती नहीं होने से सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे लाखों युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है.

Avinash Kumar Singh
Avinash Kumar Singh
A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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