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हरियाणा के इस शहर के तीन युवक न्यायधीश पद के लिए चयनित, दादा से प्रेरित होकर जज बने लक्ष्य

शहरवासियों के लिए गर्व की बात है कि इस वर्ष शहर के तीन युवक न्यायधीश चयनित हुए है। इनमें अग्रसेन कालोनी के लक्ष्य गर्ग, डिफेंस कालाेनी के भुवनेश सैनी और पड़ाव चाैक क्षेत्र के दीपक शामिल है। एक साथ हिसार के तीन युवकों का चयन होने से बार एसोसिएशन ने तीनों के परिवारों को बधाई दी है। इनमें से एक युवक पहले ही प्रयास में चयनित हुआ है। इन युवकों ने बताया कि वे अपने पेरेंट्स से प्रेरित होकर मेहनत करते रहे, दिन रात पढ़ाई की, तब जाकर सफलता हासिल करने में कामयाब हुए।

अग्रेसन कालोनी के रहने वाले हिसार कोर्ट में अधिवक्ता संदीप गर्ग के बेटे लक्ष्य गर्ग न्यायधीश के रूप में चयनित हुए है। लक्ष्य ने बताया कि उसकी दादी ललिता गर्ग उससे कहती रहती थी कि उसने तो अपने बेटे को वकील बना दिया, तू क्या बनके दिखाएगा। अब वह न्यायधीश के रूप में चयनित हो गया। लक्ष्य गर्ग की मां अनिता गृहिणी है। बताया कि केएलआर्या डीएवी पब्लिक स्कूल से 12वीं की है। वहीं बीकाम डीएन कालेज हिसार से की है। सीआर ला कालेज से तीन साल की एलएलबी का कोर्स किया।

इसके बाद न्यायधीश की परीक्षा के लिए तैयारी शुरु की थी। पिछले वर्ष अक्टूबर में प्री एग्जाम के बाद इस वर्ष मेन परीक्षा मई महीने में दी थी, सितंबर महीने में इंटरव्यू हुए थे। लक्ष्य ने बताया कि वह सिर्फ शाम को एक घंटा सैर करता था। सुबह साढ़े नौ बजे से तैयारी करना शुरु करता था और देर रात डेढ़ बजे तक पढ़ता था। लक्ष्य गर्ग ने बताया कि वह अपने दादा डाक्टर जितेंद्र कुमार की मेहनत से प्रेरित थे। वे एचएयू में एनिमल साइंस कालेज में प्रोफेसर थे। लक्ष्य गर्ग की बहन ने भी पहले प्रयास में ही जेआरएफ वर्ष 2020 में क्लीयर किया था

दूसरी बार में पाई सफलता

डिफेंस कालोनी के रहने वाले भुवनेश ने बताया कि उसका सपना था कि न्यायाधीश बनकर देश की सेवा करें। क्योंकि परिवार में कोई भी ज्युडिशिरी में नहीं है। इसलिए इस सेवा में जाने का फैसला किया। भुवेनश ने 12वीं कक्षा जिंदल मार्डन स्कूल से पास की। इसके बाद एलएलबी की और एलएलएम किया। भुवनेश ने बताया कि इससे पहले भी एक बार परीक्षा दी थी, लेकिन दूसरी बार में सफलता मिल पाई। भुवनेश के पिता सुभाष सैनी बिजनेसमैन हैं।

सात घंटे की पढ़ाई, तब मिल सफलता



पड़ाव चाैक के रहने वाले न्यायधीश चयनित दीपक यादव ने बताया कि उसने रोजाना छह से सात घंटे पढ़ाई की, तब जाकर सफलता मिल पाई है। दीपक ने बताया कि उसने लोगों को न्याय दिलाने के लिए इस सेवा का चयन किया है। दीपक के पिता बलदेव यादव बिजनेसमैन और मां नेहा गृहिणी है। दीपक ने बताया कि उसने कैमरी रोड के केएलआर्य डीएवी स्कूल से 12वीं कक्षा पास की। इसके बाद 2019 में केयूके से बीए और एलएलबी की। वर्ष 2021 में एलएलएम की थी, जिसके बाद न्यायधीश की परीक्षा की तैयारी की।

Avinash Kumar Singh

A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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