जिस हीरोइन के कुत्ते भी गाड़ी में घूमते थे आखिर उसे मरने पर कफन भी क्यों नही हुआ नसीब?

बॉलीवुड मूवीज हमेशा से ही आइटम सॉन्ग के बिना अधूरी लगती है। ये चालान अब का नही है बल्कि 1950 के दशक से चलता आ रहा है। जब भी 1950 के बॉलीवुड की बात करी जाती है तो एक जरूर निकलकर सामने आता है जो उस जमाने की सबसे अमीर और पॉपुलर अदाकारा हुआ करती थी। लेकिन वक्त का ऐसा सितम ढाया की मरने के वक्त कफन तक नसीब नहीं हुआ।

बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल थी

50 के दशक में जब महिलाओं को नाच गाने और अदाकारी से दूर रखा जाता था उस वक्त एक नाम उभरा जिसने सबके दिलो पर राज किया। हम बात कर रहे है कुक्कू मोरे (Cuckoo Moray) की। कुक्कू मोरे बॉलीवुड की पहली आइटम गर्ल थी, इनका जन्म 1928 में एंग्लो परिवार में हुआ था। ये 50 के दशक की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली और लग्जरी लाइफस्टाइल के लिए जानी जाती थी।

सबसे ज्यादा लेती थी फीस

कुक्कू मोरे ने साल 1946 में नानूभाई वकील की निर्देशक फिल्म ‘अरब का सितारा’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था। इस फिल्म में उन्होंने इतना अच्छा डांस किया कि डायरेक्टर्स ने उन्हें हर फिल्म में साइन करना शुरू कर दिया। उनके डांसिंग टैलेंट और कमाल के कैबरे स्टाइल को देखकर लोग उन्हें ‘रबर गर्ल’ बुलाने लगे। आपको जानकर हैरानी होगी कि 40 और 50 के दशक में एक गाने के लिए 6000 रुपये चार्ज किए जाते थे, जो उस समय बहुत अधिक हुआ करता था।

ऐशो आराम की जिंदगी जीती थी

बताया जाता है की कुक्कू मोरे के पास उस समय में 3 लग्जरी गाड़ियां हुआ करती थी, यहां तक कि उनके पालतू कुत्ते भी अलग गाड़ियों में घुमा करते थे। उनके पास 5 हजार से ज्यादा अलग अलग डिजाइन के फुटवियर और 8 हजार से ज्यादा महंगी ड्रेसेज उनके पास हुआ करती थी। उस समय में उनके पास मुंबई में एक आलीशान बंगला हुआ करता है, इसी के साथ सोने, चांदी और हीरो के जेवरात की भी कोई कमी नही थी। उन्होंने अपने सपनों से ही है प्यार किया और बेशुमार दौलत बनाई।

मरने पर कफन भी नही हुआ नसीब

कुक्कू की जिंदगी बेहद आरामदायक बीत रही थी किसी चीज की कोई कमी नही थी। परंतु अफसोस उन्होंने अपनी जिंदगी के आखरी पल बहुत दुखदायी से गुजारे है। उनके पास न ही खाना को कुछ बचा था और करोड़ों की मालकिन होने के बावजूद भी एक फूटी कौड़ी नही थी। सड़क पर पड़ा हुआ खाना खाकर उन्हें अपने आखरी दिन गुजारे पड़े। नौबत इतनी बुरी आई की कैंसर से ग्रसित होने के बाद मौत हो गई। लेकिन मौत के वक्त कफन के भी पैसे नही थे। उनकी मौत 30 सितंबर 1981 को हुई थी। लेकिन इतना पैसा होने के बावजूद भी उन्होंने ये सब कुछ क्यों झेला चलिए जानते है।

भिखारी की तरह खाती थी खाना

कुक्कू मोरे के पास इतना पैसा था आयकर विभाग ने निशाने पर ले लिया। आया विभाग से आय से जायदा संपत्ति रखने और कानून का उल्लघंन करने के जुर्म में सारी दौलत जब्त कर दी। इसी वजह से उनका सारा करियर ठप पड़ गया मशहूर अभिनेत्री तबस्सुम ने एक बार एक इंटरव्यू में कुक्कू के आखिरी दोनों के बारे में बताया था। उन्होंने कहा कि महंगी गाड़ी से चलने वाली और बड़े-बड़े 5 स्टार होटलों से खाना मंगाने वाली कुक्कू की लाइफ में एक ऐसा दिन आया कि वो सब्जी मार्केट में जाकर फेंकी गई सब्जियों और अन्य खाने वाली चीजों को बटोरने लगी और उन्हें घर लाकर पकाकर खाती थी।

Avinash Kumar Singh

A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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