पिछले 25 सालों से हरियाणा में सरकारी बदली, चेहरे बदले, लेकिन नहीं बदली इस स्कूल की सूरत

हरियाणा के शिक्षा मंत्री कवर पाल भले ही प्रदेशों के स्कूल की बेहतर व्यवस्था ओके डेंगे हाथ में लेकिन यहां सब कुछ उल्टा है।एकता विहार कॉलोनी वार्ड 13 स्थित शिव मंदिर में एक स्कूल पिछले 25 सालों से जिसकी सूरत तक नहीं बदली है।


शिव मंदिर में चल रहे स्कूल में शिक्षा मंत्री के दावों की पोल खोल दी है। बीते दिनों में पानीपत पहुंची शिक्षा मंत्री हरियाणा के स्कूलों को दिल्ली समेत देश के सभी राज्यों से बेहतर होने का दावा किया था।आपको बता दें कि बुधवार के दिन शिक्षा मंत्री ग्रीवेंस कमेटी की बैठक लेने पहुंचे थे।

जब शिक्षा मंत्री से पत्रकारों ने हरियाणा के स्कूलों के बदहाल के बारे में सवाल किया , तो शिक्षा मंत्री कमर पाल गुर्जर लंबी-लंबी देंगे। हाथ नहीं लगे। साथ ही कहा कि दिल्ली से नहीं पूरे प्रदेश के सभी राज्यों से हमारे प्रदेश के स्कूल बहुत ही बेहतर है।

1998 से मंदिर में चल रही स्कूल में स्कूल के नाम पर एक बड़ा सा हॉल है जिसमें तीन क्लास चलती है।और इन क्लासों के कारण ना तो स्कूल के छात्र अच्छे से पढ़ पाते हैं। ना ही अध्यापकों को यह पता चलता है कि कौन सा छात्र किस कक्षा का है?आपको बता दें कि मंदिर के उस स्कूल में ना ही दरवाजा है और एक ही बाथरूम है जिसमें लड़के लड़कियां टीचर और मंदिर के पुजारी सब जाते हैं।

यह स्कूल पानीपत के वार्ड 13 एकता विहार कॉलोनी की गली नंबर 13 में शिव मंदिर में स्थित है। अध्यापिका मंजू ने बताया कि स्कूल में किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। साथ ही यह भी कहा कि स्कूल पांचवी कक्षा तक है और ना ही आस पास कोई दूसरा मिडिल स्कूल है।

अध्यापिका मंजू ने बताया कि स्कूल में ज्यादातर बच्चे लेबर क्लास परिवारों से आते हैं जिसके चलते लड़कियां पांचवी कक्षा के बाद स्कूल नहीं जा पाती।
साथ ही यह भी बताया कि जब कभी बारिश आ जाती है तो बच्चों को छुट्टी करनी पड़ जाती है और कभी कबार मंदिर में चल रहे हैं। स्कूल में कभी बारात बैठाने पड़ जाती है क्योंकि कभी पूजा अर्चना करने वाले लोगों की वजह से बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

अध्यापिका सोनिया जो की दूसरी कक्षा के बच्चों को पढ़ाती है। उन्होंने कहा कि उनकी सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उन्हें छत पर बैठकर बनाना पड़ता है और छत पर जहां छाया होती है, वहां बैठना पड़ता है क्योंकि जब धूप आ जाती है तो दूसरी तरफ छाया में बच्चों को उठाकर ले जाना पड़ता है।
और इसी तरह ही सारा दिन चला जाता है।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की नीव प्राथमिक पाठशाला में ही तैयार की जाती है, लेकिन उन्हें यहां इस तरह कोई भी माहौल नहीं मिल पा रहा है। अध्यापिका ने दावा किया कि अगर उन्हें अच्छा माहौल बच्चों को पढ़ाने के लिए नहीं मिला तो इसी तरह से बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह जाएगी।

आपको बता दें, हरियाणा पानीपत में पिछले 25 सालों से 4 मुख्यमंत्री बदल चुके हैं, लेकिन किसी भी मंत्री विधायक ने स्कूल की सुधि नहीं ली और साथ ही जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हरियाणा के स्कूलों में अपनी तुलना करते हैं तो सबसे ज्यादा गुस्सा नेताओं को आता है और स्कूल की तारीफ करते हुए वह अरविंद केजरीवाल पर तंज कसते हुए नजर आते हैं।

हरियाणा की सरकार ने स्कूलों को दिल्ली से बेहतर बनाने के लिए कोई प्रचार प्रसार में कमी नहीं छोड़ी साथ ही हरियाणा के नेशनल हाईवे पर फ्लेक्स बोर्ड लगाकर यह दर्शाया गया है कि हरियाणा का हर एक स्कूल नंबर वन है, परंतु ऐसा कुछ भी नहीं है।

Avinash Kumar Singh

A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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