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पिता हुए कारगिल वॉर में शहीद, अब बेटा जॉइन करेगा इंडियन मिलिट्री एकेडमी, शहीद पिता का ख्वाब हुआ सच

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शहीद पिता का ख्वाब पूरा करने के लिए बेटे ने एसएसबी के 9 साक्षात्कार दिए। साथ ही प्रज्वल जून के पहले सप्ताह में भारतीय सैन्य अकादमी इंडियन मिलिट्री एकेडमी आईएमए में कैडेट में शामिल होंगे। प्रज्वल को कॉमन एडमिशन टेस्ट करने के बाद आईआईएम इंदौर में कोझिकोड से ऑफर मिला है, लेकिन उन्होंने आई आई एम नहीं जाना सुनावे इंडियन मिलिट्री एकेडमी जाएंगे।कारगिल शहीद लांस नायक कृष्ण जी समृद्ध के ख्वाब के पूरा करने होने की है। साथ ही 1999 में लांच नायक कृष्ण जी समरीत 1999 में छुट्टियां लेकर अपने घर आने वाले थे। वहीं दूसरी बार वह पिता बनने वाले थे।

कारगिल शहीद लांस नायक कृष्ण जी समृद्ध के ख्वाब के पूरा करने होने की है। साथ ही 1999 में लांच नायक कृष्ण जी समरीत 1999 में छुट्टियां लेकर अपने घर आने वाले थे। वहीं दूसरी बार वह पिता बनने वाले थे।

पहला बेटा ढाई साल का था तभी कारगिल युद्ध छिड़ गया और वह कभी घर नहीं आ सके। शहीद हो गए। उनकी शहादत के 45 दिन बाद उनके दूसरे बेटे प्रज्वल ने जन्म लिया। शहीद लांस नायक का ख्वाब था कि उनका बेटा भी सेना में जाए, लेकिन बड़े बेटे कुणाल ने सेना ज्वाइन नहीं की। साथ ही वे इंजीनियरिंग और छोटा बेटा प्रज्वल बड़ा हुआ तो पिता के ख्वाब के बारे में जाना तो उसे पूरा करने की ठान ली।

पिता के ख्वाब को पूरा करने के लिए प्रज्वल ने 2018 में एनडीए की तैयारी की थी। साथ ही 12वीं के बाद तैयारी के लिए समय लिया। फिर भी वह पहली बार में एसएसबी परीक्षा पास की। एसएसबी इंडियन आर्म्ड फोर्स में काम करने के लिए उम्मीदवार सूटेबिलिटी निर्धारित करने के लिए मनोवैज्ञानिक एवं व्यक्तित्व परीक्षण के माध्यम से उम्मीदवारों को आकलन करता है, लेकिन मेडिकल टेस्ट में चूक गए थे।

प्रज्वल एसएसबी के साथ और साक्षात्कार दिए। हर बार स्क्रीनिंग पास कर कौन-कौन से आउट हुए लेकिन पिता को ख्वाब पूरा करना था तो उन्होंने हार नहीं मानी और 8 बार परीक्षा पास न कर पाने के बाद भी मन में पक्का कर लिया कि वह भारतीय सेना में ही जाएंगे। 9वी आखिरी बार मौके के लिए प्रज्वल ने बैकअप तैयार कर लिया। इसके लिए कैट एग्जाम क्रैक कर दिया।

छोटा बेटा प्रज्वल इंडियन मिलिट्री एकेडमी जा रहा है। इस बात से उसकी मां सविता फिर से ड्यूटी है। वह जोश से भरे बेटे में उसके पिता का अक्स देखती है।कहती है इनके पिता तो नहीं रहे, पर अब उनका सपना पूरा होने जा रहा है। मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश हूं। बेटा आर्मी ऑफिसर बन जाएगा।

Avinash Kumar Singh
Avinash Kumar Singh
A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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