हरियाणा में हजार साल पुराने कुए के मिले अवशेष, पुरातत्व विभाग ने की संरक्षण की शुरूआत

हरियाणा एक ऐसा राज्य है जो कई शताब्दियों से निरंतर अस्तित्व में है और आनेखे रूपो में अतीत के अवशेष रखता है, चाहे वे कलाकृतियाँ हों, अवशेष हों या इमारतों और संरचनाओं जैसे टैंक, मंदिर, महल, किले आदि के खंडहर हों। इसका गया हो। लिटरेचर में पुराने ग्रंथों के साथ-साथ मॉर्डन लिटरेचर में भी शामिल है।


हरियाणा का ऐतिहासिक उल्लेख किया हैं। इसके प्राचीन इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया हैं, कैथल जिले की कलायत तहसील के बालू गांव में मध्यकालीन युग का एक कुआं मिला है, जिस के परीक्षण में 1 हजार साल पुराने होने की पुष्टि हुई है।

29 जून को कलायत के गांव बालू में तालाब की खुदाई के दौरान मिले कुएं के काल खंड का खुलासा हरियाणा के पुरातत्व विभाग ने सोमवार को कर दिया।
यह प्राचीन कुआँ तालाब से कुछ दूरी पर स्थित, हड़प्पा कालीन बालू टीले की संस्कृति से जोड़कर देखा जा रहा हैं जो वास्तव में प्रारंभिक मध्य काल का है। हरियाणा पुरातत्व विभाग इसकी रिसर्च और खोज करते हुए इस निष्कर्ष पर पहुची।

कुएं में उसकी प्रयुक्त ईंटों की लंबाई 18 इंच, चौड़ाई 9 इंच व मोटाई 2 से 3 इंच पाई गई। एक ईंट का वजन औसतन 5 किलो 600 ग्राम है। जबकि कुएं के मुहाने का आकार करीब 8 फीट है। खुदाई का कार्य पूर्ण होने के बाद ही इसकी गहराई का अनुमान पुरातत्ववेता लगा पाएंगे।


यह कुआं कलायत के बालू गांव में तालाब की खुदाई के दौरान मिला हैं। पुरातत्व विभाग ने कुएं के अवशेषों का अध्ययन करने के बाद स्थानीय प्रशासन से इसके संरक्षण के लिए कहा है। पुरातत्व विभाग की उपनिदेशक डॉ. बनानी भट्टाचार्य ने महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानकारी देते बताया की – कुएं के अवशेष 30 जून को पुरातत्व विभाग की टीम ने ग्रामीणों से ले लिए थे।

जिसके बाद विभाग की टीम ने इन अवशेषों का गहन अध्ययन किया। अब शासन-प्रशासन की ओर से इस प्राचीन धरोहर के संरक्षण की कवायद शुरू की जाएगी। बालू गांव में पूर्व मध्यकालीन युग के अवशेष मिलने से पुरातत्व विभाग, ग्रामीण और इतिहासकार काफी उत्साहित हैं।

बालू गांव हड़प्पा कालीन टीला में है। हरियाणा का बालू गांव सबसे पहले हड़प्पा काली टीला के कारण विश्व में मशहूर है। यहां के सेवानिवृत्त जिला शिक्षा अधिकारी एवं प्रोफेसर ऑफ़ हिस्ट्री के आधार पर दलीप सिंह ने बताया कि प्राचीन और आधुनिक काल की मध्य अवधि को प्रारंभिक मध्यकालीन युग कहा जाता है। अब यह रेतीला गांव प्रारंभिक मध्ययुगीन युग की सभ्यता का स्रोत बन गया है।

Avinash Kumar Singh

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