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हरियाणा में पंचायत ने शुरू की अनोखी पहल, ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने की जद्दोजहद

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 हर शहर- हर गांव का अपना एक अनोखा इतिहास होता है. वक्त के साथ- साथ कई ऐतिहासिक धरोहर भी खत्म होती जा रही है लेकिन, हांसी के समीपवर्ती गांव चनौत में प्राचीन विरासत को बचाने के लिए अनोखे प्रयास किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में गांव के प्राचीन कुएं और पुराने सार्वजनिक स्थान, जहां पहले गांव की महिलाएं एकत्रित होती थी या सभा करती थी. उन स्थानों को दोबारा पंचायत की ओर से विकसित किया जा रहा है. गांव में तालाब से लगे हुए जिनकी हालत समय के साथ दयनीय हो चुकी है, उन्हें पंचायत की ओर से नया रूप देने का प्रयास किया जा रहा है यानी उनकी मरम्मत करवाई जा रही है.

इसके साथ ही गांव में बनी दीवारों पर गांव की पुरानी ऐतिहासिक तस्वीरें भी छापी जा रही हैं, और महापुरुषों की तस्वीरें भी दीवारों पर लगाई जा रही हैं. यानी पंचायत की ओर से सामाजिक संस्कृति व गांव की संस्कृति को विकसित करने का प्रयत्न किया जा रहा है. पुराने समय में गांव में क्या होता था, लोग कैसे रहते थे, गांव का इतिहास क्या है ? इन सभी चीजों को अब गांव की दीवारों पर चित्रों के माध्यम से समझा जा सकेगा. सीधे तौर पर कहें, तो यानी गांव के इतिहास को दीवारों पर अंकित किया जा रहा है.

सरपंच ने बताया कि गांव में कुंए का उपयोग पेयजल के लिए किया जाता था. लेकिन कुंए भी वक्त के साथ अपना इतिहास खोते जा रहे हैं. पुरानी परंपराओं को विलुप्त होने से बचाने की जद्दोजहद पंचायत की ओर से की जा रही है. इस पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, जल संरक्षण व अन्य पहले की पोशाकों के साथ धार्मिक देवी देवताओं की तस्वीरें भी बनाई गई है. इसके साथ ही समाज में फैली कुरीतियों से बचने के लिए नारे भी लगाए गए हैं. कई तरह की बातें दीवारों पर अंकित की जा रही है. यानी समाज को जागरूक करने का पंचायत की ओर से पूरी तरह से प्रयास किया जा रहा है.

सरपंच प्रतिनिधि हिमांशु ने बताया कि प्राचीन परंपरा विलुप्त होती जा रही है. गांव में प्राचीन परंपरा को बचाने के लिए पंचायत की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं. बुजुर्गों के समय बने कुओं और अन्य चीजों को नया रूप देकर पुरानी परंपरा को जीवित रखने का प्रयास किया जा रहा है. ऐसा करके गांव को आदर्श गांव के रूप में विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. इतना ही नहीं पर्यावरण संरक्षण के लिए जल्द ही ग्रामीणों द्वारा हरे फलदार पौधे लगाने का अभियान चलाया जाएगा.

Avinash Kumar Singh
Avinash Kumar Singh
A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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