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आँखे भर देगी इस बेटे की कहानी: पिता को बचाने के लिए की सारी हदें पार,पर फिर भी रहा नाकाम

महामारी काल में कई ऐसी खबरें सामने आई हैं, जिसने दिल और दिमाग दोनों को झकझोर दिया है। ताजा घटना आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम की है। यहाँ एक एमबीए किए बेटे ने अपनी नौकरी केवल इसलिए छोड़ दी, ताकि वह अपने कोरोना पॉजिटिव पिता की अस्पताल में स्वीपर बनकर देखभाल कर सके। हालाँकि, इस दर्द से बड़ा दर्द और क्या होगा जब श्रवण कुमार जैसा बेटा अपने सपनों को त्याग कर पिता के लिए स्वीपर बनने के लिए तैयार हो गया, लेकिन अपनी लाख कोशिशों के बावजूद वह उन्हें कोरोना रूपी राक्षस से नहीं बचा पाया।

घटना आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम की है, 2 मई को एमबीए डिग्री होल्डर मधु किशन राव के 67 वर्षीय पिता सुदर्शन राव की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके बाद इन्हें शहर के सरकारी अस्पताल केजीएच में भर्ती कराया गया।

वह अस्पताल के चौथे फ्लोर पर स्थित सीएसआर ब्लॉक में भर्ती थे। भर्ती होने के दो दिन बाद मधु किशन के पिता बाथरूम में गिर पड़े जिसके बाद उनके खून निकलने लगा। घटना के बाद उन्होंने अपने परिवार से शिकायत की कि अस्पताल का स्टाफ उन्हें नजरंदाज करते हुए उनका सही से इलाज नहीं कर रहा।

इस शिकायत को लेकर परिवार वाले अस्पताल प्रशासन तक पहुंचे जिसके बाद सुदर्शन राव के इलाज में सुधार किया मगर इसके बावजूद उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं आ रहा था।

ये सब देख बेटा बर्दास्त नहीं कर सका और पिता की देखभाल के लिए कॉल सेंटर वाली नौकरी छोड़ दी। पिता की देख रेख में अस्पताल में साफ सफाई का काम करने लगा। 

जब साफ सफाई के लिए मधुकिशन पहुंचा तो अपने पिता गायब पाया, जिसके बाद वो ढूंढने लगा। काफी तलाश करने के बाद बेटे ने अस्पताल में शौचालय के पास बरामदे में अपने पिता की लावारिस लाश को पड़ा पाया।

पास के एक वार्ड में मौजूद व्यक्ति ने मधुकिशन को बताया कि उसके पिता की मृत्यु बहुत पहले ही हो चुकी थी। ये सुनने के बाद मधुकिशन के होश उड़ गए, उसके सारे अरमानों पर पानी फिर गए। पिता की मौत के बाद मधुकिशन अंदर से टूट चुका है। उसके बाद मधुकिशन ने अपने पिता की मौत का जिम्मेदार अस्पताल को ठहराया है।

Avinash Kumar Singh

A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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