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10 महीने बाद पुलिस ने टीकरी बॉर्डर से हटाए बैरेगेट्स, अब खुलेंगे सारे इमरजेंसी रूट

11 महीने बाद टीकरी बॉर्डर खुलने जा रहा है। शुक्रवार को दोपहर 3 बजे दिल्ली प्रशासन, हरियाणा प्रशासन व किसानों के बीच एसडीएम ऑफिस में अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में रास्ता खोलने को लेकर रूपरेखा तैयार होगी।

दिल्ली से सटे हरियाणा के टीकरी बॉर्डर पर रास्ता खोलने को लेकर तेजी के साथ कार्य चल रहा है। दिल्ली पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए यहां 7 लेयर की बैरिकेडिंग की थी, जिसमें से 5 लेयर हटा दिए गए हैं। अभी 2 लेयर की बैरिकेडिंग बची है। इसके साथ ही एक तरफ की सड़क को ठीक करने का काम चल रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि बहुत जल्द सड़क खोलने का फैसला लिया जा सकता है।

किसानों को रोकने के लिए बॉर्डर पर गड़ाई गई कीलें और कांटे गुरुवार को उखाड़ दिए गए हैं। सड़क पर डाले गए बड़े-बड़े बैरिकेड्स हट गए हैं। दिल्ली-रोहतक नेशनल हाईवे-9 (NH) का एक तरफ का रास्ता साफ हो चुका है। हालांकि सड़क के एक तरफ काफी लंबी दूरी पर किसानों के टेंट लगे हैं। इसलिए एक तरफ की सड़क ही खुलेगी।

किसानों का कहना है कि रास्ते दिल्ली पुलिस ने बंद किए थे। अब वहीं खोल रहे हैं। अच्छी बात है कि रास्ते खोले जा रहे हैं। रास्ता कैसे और किनके लिए खोलना है, यह दिल्ली पुलिस को तय करना है। किसानों ने कहा कि हम सरकार बदलने नहीं, बल्कि कानून वापस कराने आए हैं। हम रास्ता खोलने के साथ ही बातचीत के रास्ते खोलने की भी मांग करते हैं। किसानों ने कहा कि हमें तो रास्ता खोलने पर शुरू से ही कोई आपत्ति नहीं है। हम यहां अपना हक मांगने आए हैं।

केंद्र सरकार के 3 नए कृषि कानूनों के विरोध में नवंबर 2020 से दिल्ली की सीमाओं पर किसान आंदोलन चल रहा है। दिल्ली की सीमा से सटे हरियाणा के सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर पंजाब ही नहीं, बल्कि हरियाणा के जिलों के हजारों किसान डटे हुए हैं।

किसानों को बॉर्डर पर तब रोका गया था जब वे दिल्ली में प्रवेश कर रहे थे, लेकिन उसके बाद किसानों ने आगे बढ़ने की बजाय बॉर्डर पर ही अपना डेरा जमा लिया था। दिल्ली पुलिस ने भी किसानों को रोकने के लिए भारी ताम-झाम खड़ा कर दिया था।

शुरुआत में इन दोनों ही बॉर्डर पर बैरिकेड लगाकर भारी संख्या में जवानों को तैनात किया था। 26 जनवरी 2021 को दिल्ली में हुई हिंसा के बाद टिकरी और सिंघु बॉर्डर को एक तरह से अभेद्य किले में तब्दील करते हुए यहां सड़क पर ही कीलें गाड़ दी गई थीं। पिछले काफी दिनों से दोनों बॉर्डर को खुलवाने के लिए सरकार से लेकर कोर्ट तक ने प्रयास किए। अब 11 माह बाद प्रयास रंग लाने लगे हैं।

किसान आंदोलन के चलते बंद दिल्ली के रास्तों को खुलवाने की मांग सुप्रीम कोर्ट में भी की गई। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में दखल दिया तो हरियाणा सरकार ने पिछले महीने ही एक हाई पावर कमेटी गठित की। इस कमेटी में हरियाणा के गृह सचिव राजीव अरोड़ा, डीजीपी पीके अग्रवाल, सीआईडी चीफ आलोक मित्तल सहित उन अधिकारियों को शामिल किया गया जो किसानों के साथ बातचीत करके रास्ता खुलवा सकें।

कमेटी को शुरुआती कोशिशों में कोई बड़ी कामयाबी नहीं मिली, लेकिन 3 दिन पहले 26 अक्टूबर को बहादुरगढ़ में गौरेया पर्यटन केंद्र में हुई मीटिंग में 4 घंटे चले मंथन के बाद टीकरी बॉर्डर के एक तरफ के रास्ते को खोलने को लेकर सहमति बन गई।

Avinash Kumar Singh

A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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