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एक हजार रुपये में फ्लैट कैसे दे पाएगी सरकार, जानें कैसे संभव होगा यह असंभव काम

गरीबों के लिए सरकार ने उठाया एक और नया कदम। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मलिन बस्तियों में दुखदायी जीवन बिताने वाले गरीबों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य करने जा रही है। सरकार उनके लिए उन्हीं की जमीन पर अपार्टमेंट्स बनाएगी और यह अपार्टमेंट उनको काफी सस्ते दामों में उपलब्ध कराएगी। हाल ही में जानकारी मिली थी कि यूपी सरकार इन मलिन बस्तियों की जगह पर पीपीपी माॅडल पर विकसित किए जाने वाले अपार्टमेंट बनवाने जा रही है।

ये फ्लैट मलिन बस्ती के लोगों को मात्र एक हजार रुपये पंजीकरण शुल्क पर दिए जाएंगे, लेकिन सरकार यह सब कैसे कर पाएगी?

कैसे निकलेगा फ्लैट का खर्चा

अब सवाल यह उठता है कि इतने सस्ते फ्लैट बन कैसे पाएंगे, तो इसका जवाब यह है कि सरकार मलिन बस्ती की जमीन विकासकर्ता को मुफ्त देगी। साथ ही बस्ती की कुछ जमीन विकासकर्ता को व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए दी जाएगी। इसमें एक व्यावसायिक कांप्लेक्स बनेगा, इससे विकासकर्ता अपने खर्चे निकालेंगे।

जमीन पर विकासकर्ता अपने पैसों से मल्टी स्टोरी बिल्डिंग बनवाएगा। इसी अपार्टमेंट के फ्लैट सरकार इन मलिन बस्तियों में रहने वाले उन लोगों को देगी जिनके पास कहीं दूसरा पक्का मकान नहीं है। आधार से जोड़कर लाभार्थियों को फ्लैट आवंटित किए जाएंगे।

अपार्टमेंट्स में मिलेगी यह सुविधाएं

अपार्टमेंट में कम्युनिटी हाल, बच्चों के खेलने का स्थान, पीने का शुद्ध पानी, सीवेज व ड्रेनेज सिस्टम, अच्छी सड़क आदि सामुदायिक सुविधाएं मिलेंगी।

इससे पहले भाजपा की सरकार के दौरान ऐसा ही एक मॉडल गुजरात में अपनाया जा चुका है। इस योजना को अमली जामा पहनाने के क्रम में योगी कैबिनेट ने दो दिन पहले ही ‘उत्तर प्रदेश स्व-स्थाने मलिन बस्ती पुनर्विकास नीति-2021’ को मंजूूरी दे दी है।

अपार्टमेंट के लिए भूमि का चयन

इस योजना के लिए ऐसी मलिन बस्तियों का चयन किया जाएगा जो राजकीय भूमि पर, नगरीय निकायों की भूमि पर, नजूल की भूमि पर बनी हों। साथ ही जो शहरों में मुख्य स्थानों पर होने के साथ–साथ व्यावसायिक रूप से संगत भी हों। नदी, नाले पर बनीं बस्तियों को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।

समिति का होगा गठन

इस योजना के क्रियान्वयन के लिए नगर निगमों व नगर परिषद में एक समिति बनाई जाएगी। नगर निगम में मंडलायुक्त व नगर पालिका परिषद वाले शहरों में जिलाधिकारी इसकी अध्यक्षता करेंगे। यह समिति डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार कराएगी।

डीपीआर स्वीकृत होने के बाद टेंडर निकालकर विकासकर्ताओं का चयन किया जाएगा। इस योजना के शुरू होने से मलिन बस्तियों के लोगों का तो लाभ होगा ही साथ ही भाजपा को भी चुनावी लाभ मिलने की उम्मीद है।

Avinash Kumar Singh

A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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