Categories: कुछ भी

स्थानीय अफसरों के साथ मिलकर महाराष्ट्र के खिलाड़ी ने हरियाणा में खेल पुरुष्कार 2 करोड़ रुपए के लिए खेला बढ़िया खेल, जानिए पूरा मामला

ह‍रियाणा की खेल नी‍ति का फायदा उठाकर दो करोड़ रुपये का पुरस्‍कार हड़पने के लिए महराष्‍ट्र के एक खिलाड़ी ने बड़ा ‘खेल’ कर दिया। महराष्‍ट्र के इस खिलाड़ी ने वर्ष 2018 में इंडोनेशिया में आयोजित पैरा एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीता था।

उसे हरियाणा की खेल नीति का बारे मेंं पता था और इस नीति के तहत दो करोड़ रुपये का इनाम पाने के लिए उसने गलत दस्तावेजों की मदद से रिहायश प्रमाणपत्र बनवा लिया।

कोल्हापुर के निवासी तैराक स्वपनिल संजय पाटिल ने करनाल में खेल विभाग के स्थानीय अफसरों से मिलकर पूरी साजिश रची। उसने पहले करनाल से फर्जी जन्म प्रमाणपत्र, राशन कार्ड व हरियाणा के मूल निवासी प्रमाणपत्र बनवाए।

फिर इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जिला खेल विभाग के अफसरों से सांठगांठ करके दो करोड़ रुपये का इनाम लेने के लिए सिफारिश सहित फाइल सरकार को भिजवा दी ।

आरटीआइ एक्टिविस्ट पीपी कपूर ने सूचना का अधिकार के तहत जुटाए दस्तावेजों की मदद से पूरे फर्जीवाड़े का खुलासा कियाा।पीपी कपूर ने आरोप लगाया है कि इस घोटाले में पांच विभागों के अफसर शामिल हैं।

कपूर का कहना है कि दिसंबर 2019 में तत्कालीन उपायुक्त के आदेश पर हुई जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने व तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के संज्ञान में होने के बावजूद मामले को दबा दिया गया।

वैसे खेल विभाग ने जिला खेल अधिकारी द्वारा इस पैरा तैराक को दो करोड़ रुपये का इनाम देने की सिफारिश करने के बावजूद इनामी राशि जारी नहीं की है। कपूर ने करनाल रेंज के पुलिस महानिरीक्षक व पुलिस अधिकारी को आरटीआइ में मिले सबूतों सहित शिकायत भेज कर फर्जीवाड़े में शामिल सभी आरोपितों के विरुद्ध तुरंत एफआइआर दर्ज करने व एसआइटी गठित कर सभी आरोपितों को तत्काल गिरफ्तार करने की मांग की है।


बताया जाता है कि इस पैरा खिलाड़ी के पासपोर्ट पर महाराष्‍ट्र के कोल्‍हापुर का पता है, लेकिन उसने पुलिस जांच में खुद को पश्चिम बंगाल का मूल निवासी बताया।

बताया जाता है कि फर्जी जन्म प्रमाणपत्र, राशन कार्ड, हरियाणा का डोमिसाइल बनाने, दो करोड़ रुपये की इनाम राशि के लिए फाइल भिजवाने व भ्रामक पुलिस जांच रिपोर्ट भेज कर मामला दबाने के फर्जीवाड़े में पांच विभागों के अफसर शामिल हैं। इनमें खेल विभाग, नगर निगम, फूड सप्लाई विभाग, तहसीलदार, पुलिस विभाग के अधिकारी व नगर पार्षद की भूमिका बताई गई है।

करनाल नगर निगम द्वारा जारी जन्म प्रमाणपत्र, आधार कार्ड व पुणे से बने पासपोर्ट के मुताबिक पैरा तैराक स्वपनिल संजय पाटिल की जन्म तिथि 6 जनवरी 1998 है। वहीं, जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी करनाल द्वारा 6 जुलाई 1995 को जारी राशन कार्ड में स्वपनिल संजय पाटिल का नाम दर्ज है। यानी जन्म से तीन वर्ष पहले ही राशन कार्ड में उसका नाम शामिल हो गया।

फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद खेल निदेशक की मांग पर नवंबर 2019 में तत्कालीन उपायुक्त ने पुलिस अधीक्षक से पूरे मामले की जांच रिपोर्ट तलब की थी। एसपी ने जांच पूरी होने के बाद दिसंबर 2019 में रिपोर्ट डीसी को सौंपी।

पुलिस ने अपनी जांच में स्वपनिल संजय पाटिल को पश्चमी बंगाल का मूल निवासी बताया, जबकि पासपोर्ट दस्तावेज के अनुसार वह कोल्हापुर (महाराष्ट्र) का मूल निवासी है।

जांच रिपोर्ट में बताया कि स्वपनिल संजय पाटिल वर्ष 2018 में सिर्फ नौ-दस महीने तक सुभाष नगर करनाल में किराये पर रहा। इस तरह पुलिस जांच में फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर भी भ्रष्ट अफसरों को बचाने के लिए मामला दबा दिया गया।

Avinash Kumar Singh

A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

Recent Posts

Faridabad के DPSG School ने आयोजित किया DPSG Cup, 4000 खिलाड़ियों ने लिया हिस्सा

हरियाणा को खिलाड़ियों की भूमि कहा जाता है। देश में सबसे ज्यादा पदक हरियाणा के…

1 year ago

अगर देश को बचाना है तो भाजपा को वोट दें:  Faridabad भाजपा लोकसभा प्रत्याशी कृष्णपाल गुर्जर

आप सभी जानते ही हैं अब चुनाव का विगुल बज चुका है।  सभी पार्टियों ने…

1 year ago

Haryana के टैक्सी चालक के बेटे ने Clear किया UPSC Exam, पिता का सपना हुआ पूरा

भारत की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी परीक्षा होती है। जिसमें लोगों को…

1 year ago

अब Haryana के इन रूटों पर वंदे भारत समेत कई ट्रेनें दौड़ेंगी 130 की स्पीड से, सफर होगा आसान

हरियाणा सरकार जनता के लिए हमेशा कुछ ना कुछ अच्छा करती रहती है। जिससे कि…

1 year ago