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हरियाणा में अब नहीं बेची जाएगी बंजर जमीन, जानिए क्या है वजह ?

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हरियाणा सरकार अब पूरी तरह से नए उद्योगों को बढ़ावा दे रही है इसी तर्ज में नए उद्योगों के लिए अब गांवों में ही इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार होगा। ग्राम पंचायतों की शामलात एवं पंचायती भूमि में कारखाने स्थापित होंगे। इसमें भी प्राथमिकता यह रहेगी कि उसी जमीन का उपयोग कारखानों के लिए किया जाए, जो कृषि उपयोग योग्य नहीं है। यानी बंजर भूमि पर उद्योग-धंधों को लगाया जाएगा। बिजली-पानी, सड़क, सीवरेज जैसी तमाम मूलभूत सुविधाएं सरकार द्वारा मुहैया करवाई जाएंगी।

इतना ही नहीं, जमीन को बेचा नहीं जाएगा बल्कि उद्योगपति लीज पर यह जमीन ले सकेंगे। इसके लिए ग्राम पंचायत को प्रति एकड़ कम से कम दो लाख रुपए सालाना लीज मनी मिलेगी। यह सरकार द्वारा तय की गई आरक्षित कीमत है। पहले उद्योगपतियों के साथ जमीन को लेकर मोल-भाव होगा और सरकार की कोशिश रहेगी कि ग्राम पंचायतों को अधिक से अधिक आर्थिक लाभ मिले। इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए पंचायती राज कानून में बदलाव होगा। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान ही संशोधन विधेयक पेश किया जा सकता है

योजना को मिली हरी झंडी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर इस योजना को हरी झंडी दे चुके हैं। इसके बाद ही उपमुख्यमंत्री दुष्यंत सिंह चौटाला तथा विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठकों का दौर शुरू किया है। इस योजना को लेकर अभी तक सात-आठ बार बैठकें हो चुकी हैं। अब विभाग द्वारा पॉलिसी का पूरा ड्रॉफ्ट तैयार किया जा चुका है। केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में उद्योग-धंधों के लिए ‘पदमा’ योजना की शुरुआात की है। हरियाणा सरकार ने ‘पदमा’ को सिरे चढ़ाने के लिए ही ग्राम पंचायतों का जमीन को इस्तेमाल में लेने का निर्णय लिया है। पहले चरण में प्रदेश की 158 ऐसी ग्राम पंचायतों को चिह्नित किया है, जिनके पास 500 एकड़ या इससे अधिक जमीन है।

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला का कहना है कि पंचायत लैंड लीड पॉलिसी का खाका तैयार हो चुका है। पंचायत एवं विकास मंत्री देवेंद्र सिंह बबली और विभागीय अधिकारियों के साथ पॉलिसी पर चर्चा कर अंतिम रूप दिया जा चुका है। दुष्यंत का कहना है कि सरकार लैंड पूलिंग पॉलिसी पर भी आगे बढ़ेगी। इसके तहत भू-मालिकों को भूमि के बदले विकसित प्लॉट दिए जाएंगे। ‘वन ब्लॉक-वन प्रोडक्ट’ योजना को लैंड पूलिंग स्कीम के जरिये ही सिरे चढ़ाया जाएगा। उनका कहना है कि इससे राज्य में ग्रामीण लघु और कुटीर उद्योगों की किस्मत बदल सकती है। प्रदेश में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्योग) को बढ़ावा देने के लिए भी लैंड पूलिंग के तहत प्रत्येक ब्लाक में करीब 50 एकड़ जमीन जुटाइ जाएगी। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और गुजरात में यह पॉलिसी पहले से लागू है

Avinash Kumar Singh
Avinash Kumar Singh
A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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