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भगवा रंग में दिखेगी अब वंदे भारत ट्रेन, अगले साल से लगेंगे स्लीपर कोच

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भारत देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत अब भगवा रंग में पटरियों पर दौड़ती नज़र आएगी. रेलवे की इस ट्रेन को 16 कोच से बढ़ाकर 20 कोच करने की योजना है. साथ ही, ट्रेन में अगले वर्ष मार्च में स्लीपर कोच भी लगाए जाएंगे. रेलवे की ओर से 210 ट्रेनें बनाने की तैयारी की जा रही है. इसमें अधिकांश का निर्माण महाराष्ट्र के लातूर में रेल कोच फैक्ट्री में किया जाएगा.

इसके अलावा, स्लीपर कोचेस का निर्माण इंटीग्रल कोच फैक्ट्री आईसीएफ चेन्नई, मैडून कोच फैक्ट्री रायबरेली और रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला में किया जाएगा. फिलहाल, वंदे भारत चेयर कार में ही चल रही है. ट्रेन का नया लुक देखते हुए स्लीपर कोच जोड़े जाएंगे. फिलहाल, यात्रियों की आरामदायक सुविधा के हिसाब से ट्रेन का रूट तय किया गया है. अगर स्लीपर वंदे भारत आएगी तो इसका रूट भी लंबा हो जाएगा. चेन्नई में अब तक 30 वंदे भारत का निर्माण भी किया जा चुका है.

इनमें से 29 ट्रैक पर हैं जबकि एक तैयार ट्रेन रेलवे को सौंप दी गई है. स्लीपर कोच वाली ट्रेन फुल AC होगी और इसमें 11 थर्ड एसी कोच, 4 सेकंड एक और एक फर्स्ट एसी कोच भी शामिल किया जाएगा.

फिलहाल, 16 कोच की चेयर कार ट्रेन 1180 सीटों की है. इस ट्रेन को अपडेट कर जब स्लीपर में बदल दिया जाएगा तो इसकी सीटें घटकर 860 रह जाएंगी. ऐसे में 16 कोच की ट्रेन में चार- चार अतिरिक्त लगाने के विकल्प भी रखे जाएंगे. सुविधा अनुसार, इनको 20 या 24 कोच किया जा सकता है. 20 कोच की ट्रेन में 1,076 सीटें हो जाएंगी. अतिरिक्त 4 और कोच यानी 24 कोच से यह ट्रेन 1292 सीटों की हो जाएगी. अभी जो ट्रेन तैयार हो रही है और आगे तैयार होंगी उनकी कीमत में बड़ा अंतर आएगा.

वंदे भारत ट्रेन को सबसे पहले आईसीएफ चेन्नई में तैयार किया गया था और बाद में इसका डिजाइन सभी कोच फैक्ट्रियों में भेजा गया था, ताकि इस ट्रेन को यहां भी तैयार किया जा सके. 120 स्लीपर ट्रेनें महाराष्ट्र के लातूर में, 90 आईसीएफ चेन्नई में, 16 चेयर कार ट्रेनें पंजाब के कपूरथला कोच फैक्ट्री में और नौ चेयर कार ट्रेनें रायबरेली की मॉडर्न कोच फैक्ट्री में बनाई जाएंगी. यह आधुनिक सुविधाओं से लैस वंदे भारत ट्रेन है.

इन ट्रेनों में वाई- फाई, स्वचालित दरवाजे हैं. ये दरवाजे स्टॉप पर पहुंचने पर ही खुलते हैं. बायो वैक्यूम शौचालय की सुविधा भी है. वायुजनित कीटाणुओं, जीवाणुओं और अन्य विषाणुओं को दूर रखने के लिए एक उत्प्रेरक पराबैंगनी वायु शोधन प्रणाली भी है. सभी कोचों में 32 इंच की स्क्रीन भी लगाई गई है.

Avinash Kumar Singh
Avinash Kumar Singh
A writer by passion | Journalist by profession Loves to explore new things and travel. I Book Lover, Passionate about my work, in love with my family, and dedicated to spreading light.

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